मंगलवार, 30 मार्च 2010

वंदे मातरम्

वंदे मातरम्


सुजलाम, सुफलाम, मलयज शीतलाम,

शस्य श्यामलम् मातरम्।

शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनीम्,

फुल्ल कुसमिता द्रमदल शोभिनीम्।

सुहासिनीम् सुमुधुर भाषिणीम्

सुखदाम वरदाम मातरम्।

वंदे मातरम्॥

कोटि-कोटि कंठ कल-कल निनाद कराले,

कोटि-कोटि भुजैधृत खर करवाले

अबला केनो मा एतो बले

बहुबल धारिणीम्, नमामि तारिणीम्,

रिपुदल वारिणीम् मातरम्।

वंदे मातरम्॥

तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि हृदि तुमि मर्म,

त्वं हि प्राणा शरीरे

बाहुते तुमि माँ शक्ति, हृदये तुमि माँ भक्ति

तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे।

वंदे मातरम्॥

त्वं हि दुर्गा दशप्रहरण धारिणी

कमला कमल-दल विद्यरिणी

वाणी विद्यादायिनी नमामि त्वाम्

नमामि कमलाम, अमलाम, अतुलाम

सुजलाम-सुफलाम, मातरम्

वंदे मातरम्

श्यामलाम्, सरलाम, सुस्मिताम, भुषिताम

धारिणीम भरणीम मातरम्

वंदे मातरम्॥

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